5 Simple Techniques For hanuman shabar mantra



हनुमान जी को प्रभु श्रीराम का सबसे बड़ा भक्त कहा गया है, ये अष्ट चिरंजीवियों में से हैं जिन्हें माता सीता ने हर युग में श्रीराम की भक्ति करने का और उनके भक्तों की रक्षा करने का वरदान दिया था। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी यह माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से आपका आत्म विश्वास बढ़ता है और आपका आभामंडल नकारात्मक ऊर्जाओं से बचा रहता है। कलयुग में पवनपुत्र हनुमान को ही सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता का दर्जा दिया गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, तांत्रिक साधना में जो मंत्र इस्तेमाल किए जाते हैं, उन्हें सबसे पहले सिद्ध किया जाता है और उसके बाद ही उसका इस्तेमाल किया जाता है

His existence is thought via the textbooks to exist and by people today at the same time, so people today will invoke him to draw some Electricity, protection, or some method of support from him.

पूजा के दौरान इन फूलों का प्रयोग करना आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सही नहीं माना जाता है... नाराज हो सकती हैं दैवीय शक्तियां

हनुमान शाबर मंत्र से सम्बंधित कुछ जानकारी

The belief or absence thereof in The truth that whether or not he continue to is alive or not would demand religion and spirituality around science. He continues to be, by all means, a perpetual character in Hindu mythology and it is commonly tackled as “Chiranjeevi,” a single who life forever.

ॐ नमः वज्र का कोठा, जिसमें पिंड हमारा बैठा, ईश्वर की कुंजी, ब्रह्म का ताला, मेरे आठों पहर का यति हनुमंत रखवाला



खं खं खं कल्पवृक्षं मणिमयमकुटं मायमायास्वरूपं

परिहासे करे। नयन कटाक्षी करे। आपो न हाते। परहाते।

The Siddhi [mastery] in the mantra must be acquired on the working day of the Solar Eclipse by reciting the mantra consistently 1000 periods.

इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य को हनुमान जी की कृपा प्राप्ति होती है.

Recall, achievement in chanting any mantra is realized only when You can find entire devotion and religion as hanuman shabar mantra part of your mantra chanting, most loved deity, and mantra. In actual fact, devotion and faith give you accomplishment and results in any mantra. All other principles and laws come following this.

वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

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